Details, Fiction and Neeraj Chopra Biography in Hindi

यदि खिलाड़ी वृत्तखंड या किनारे पर बनाई गई लाइनों को दौड़ते समय टच कर देता है, तो यह फाऊल माना जाता है ।

भारतीय महिला भाला फेंक खिलाड़ियों ने कॉन्टिनेंटल प्रतियोगिता में छह पदक (दो रजत, चार कांस्य) जीते हैं, लेकिन उनमें से कोई भी स्वर्ण पदक नहीं रहा है।

नीरज के पिता का नाम सतीश कुमार और माता का नाम सरोज देवी है।

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टोक्यो ओलंपिक में ऐतिहासिक जीत हासिल करने के बाद भारत के मशहूर एथलीट्स मिल्खा सिंह का ध्यान करते हुए इन्होंन अपनी इस उपलब्धि को उन्हें समर्पित कर दिया। फ्लाइंग सिख मिल्खा सिंह ने लोगों के लिए एथलीट्स के क्षेत्र में बहुत ही बड़ी अपॉर्चुनिटी लेकर आए थे, यह भारत के एक ऐसे एथलीट्स रहे जिन्होंने लोगों को काफी इंस्पायर भी किया।

डीएवी कॉलेज, चंडीगढ़ कुरूक्षेत्र विश्‍वविद्यालय, हरियाणा

खेल में रुचि होने के साथ-साथ नीरज चोपड़ा पढ़ाई में भी काफी अच्छे थे उन्होंने हरियाणा में अपने गांव से ही अपनी प्रारंभिक शिक्षा पूरी की है। विभिन्न सूत्रों के अनुसार नीरज ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा पूरी करने के बाद पानीपत के बीबीए कॉलेज से ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की है।

Chopra is the 1st athletics gold medalist for India. As of 2024[update], he is among only two Indians to have received an individual Olympic gold medal, the youngest-at any time Indian Olympic gold medalist in an individual celebration and the one unique to possess received gold on his Olympic debut.

नीरज चोपड़ा को मिले हुए विभिन्न पुरस्कार – नीरज चोपड़ा ने विभिन्न खेलो में उत्कृष्ट प्रदर्शन के दम पर कई सारे राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय पुरुस्कार अपने नाम किये है , आइये इनपर एक नज़र डाले

बाद more info में उन्हें पानीपत के एक जिम में दाखिला मिल गया।

उन्हें नवंबर में एक आउट-ऑफ-टर्न पदोन्नति के साथ सूबेदार के रूप में सेना द्वारा पुरस्कृत किया गया था।

भारत के महान एथलीट नीरज चोपड़ा ने अपनी पढ़ाई हरियाणा के पानीपत में ही प्रारंभ की एवं अपनी प्रारंभिक शिक्षा को पूर्ण करने के बाद वह चंडीगढ़ आ गए, चंडीगढ़ में एक बीबीए कॉलेज ज्वाइन किया और वहां से उन्होंने अपनी एजुकेशन की डिग्री हासिल की।

इसके बाद नीरज चोपड़ा को एक अलग पहचान मिली.

नीरज चोपड़ा ने टोक्यो ओलंपिक की अपनी जीत को देश के महान धावक ‘फ्लाइंग सिख’ मिल्खा सिंह को समर्पित किया है ।

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